Posts

Showing posts from September, 2018

14 सितंबर " हिंदी दिवस "

Image
हिंदी - भारत की दुनिया में पहचान जितनी अपनी सांस्कृतिक विविधताओं और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए है, उतना ही भारत को हिंदी के लिए भी पूरी दुनिया में पहचाना जाता है। देश-दुनिया में फैले हिंदी भाषी लोगों के लिए 14 सितंबर को दिन बेहद खास होता है। दरअसल 14 सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन हिंदी को देश की राजभाषा होने का गौरव प्राप्त हुआ था।हिंदी को सबसे पहले 14 सितंबर, 1949 के दिन राजभाषा का दर्जा दिया गया था। देश में 77% लोग हिंदी लिखते, पढ़ते और बोलते समझते हैं। आज के दिन हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बता दें कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है। 1946 में स्वतंत्र भारत के संविधान लेखन के लिए बनी समिति के सामने जब राष्ट्र की भाषा का सवाल खड़ा हुआ, तब संविधान निर्माताओं के सामने हिंदी ही सबसे बेहतर विकल्प थी। लेकिन, हिंदी को समूचे राष्ट्र की भाषा बनाए जाने को लेकर कुछ लोग विरोध में भी थे। इसलिए, हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी को भी भारत की राजभाषा का दर्जा दे दिया गया। आजादी के 15 साल बाद जब लाल बहादुर शास्त्र...

चाहत - एक अनोखा एहसास

Image
तुझे चाहते बहुत है हम पर            हक नहीं जताते कभी ; दोस्ती का रिश्ता भी                ना खो दे कही          इसलिए सब कुछ छुपाते है हम ।।

नमामी श्री गणेशाय नम:

Image
नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं। गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥  भावार्थ : मैं उन भगवान् गजानन की वन्दना करता हूँ, जो समस्त कामनाओं को पूर्ण करनेवाले हैं, सुवर्ण तथा सूर्य के समान देदीप्यमान कान्ति से चमक रहे हैं, सर्पका यज्ञोपवीत धारण करते हैं, एकदन्त हैं, लम्बोदर हैं तथा कमल के आसनपर विराजमान हैं । श्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं.....

संघर्ष फॉर जिन्दगी

Image
*थोड़ा सा और निखर जाऊं, यही मैंने ठानी है,* *ऐ जिंदगी, थोड़ा रुक, अभी मैंने हार कहाँ मानी है !!*..        

तजुर्बे Zindagi ke....

Image
मैं तजुर्बे के मुताबिक़,,,खुद को ढाल लेता हूं,,! कोई प्यार जताए तो,,,जेब संभाल लेता हूं,,,!! मुझे फासने की,,,कहीं साजिश तो नहीं,,! हर मुस्कान ठीक से,,,जांच पड़ताल लेता हूं,,,!! बहुत जला चुका उंगलियां,, मैं पराई आग में,,! अब कोई झगड़े में बुलाए,, तो मै टाल देता हूं,,,!! सहेज के रखा था दिल,,,,जब शीशे का था,,! पत्थर का हो चुका अब,,, मजे से उछाल लेता हूं,,,,!

प्रभु की भक्ति

Image
एक बार यशोदा माँ यमुना मे दीप दान कर रही थी, वो पत्ते मे दीप रखकर प्रवाह कर रही थी । उन्होंने देखा कि कोई दीप आगे नही जा रहा... ध्यान से देखा तो कान्हा जी एक लकडी लेकर जल से सारे दीप ...