Posts

।। मोर पंख की कहानी ।।

Image
एक समय गोकुल में एक मोर रहता था वह रोज़ जब कृष्ण भगवान आते  🎺 🎺 और जाते तो उनके द्वार पर बैठा एक ही भजन गाता 🎺   🎺 " 🎺 🎺 मेरा कोई ना सहारा बिना तेरे 🎺 🎺 गोपाल सांवरिया मेरे 🎺 🎺 माँ बाप सांवरिया मेरे" 🎺 🎺 🎺 🎺 वो इस तरहा रोज़ यही गुनगुनाता रहता  🎺 🎺 एक दिन हो गया 2 दिन हो गये इसी तरहा 1 साल व्यतीत हो गया 🎺 🎺 परन्तु कृष्ण ने एक ना सुनी तब वहा से एक मैना उडती जा रही थी 🎺 🎺 उसने मोर को रोता हुआ देखा और अचम्भा किया 🎺 🎺 उसे मोर के रोने पर अचम्भा नही हुआ , 🎺 🎺 उसे ये देख के अचम्भा हुआ की क्रष्ण के दर पर कोई रो रहा है 🎺 🎺 🎺 🎺 वो मोर से बोली मैना: हे मोर तू क्यों रोता हैं 🎺 🎺 तो मोर ने बताया की मोर :पिछले एक साल से में इस छलिये को रिझा रहा हु परन्तु इसने आज तक मुझे पानी भी नही पिलाया 🎺 🎺 🎺 🎺 ये सुन मैना बोली मैना: में बरसना से आई हु तू भी वहा चल  🎺 🎺 और वो दोनों उड़ चले और उड़ते उड़ते बरसाने पहुच गये  🎺 🎺 जब मैना वहा पहुची तो उसने गाना शुरू किया  🎺 🎺 🎺🎺श्री राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे 🎺🎺 परन्तु मोर तो बरसाने मे...

किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से II

Image
किताबें झाँकती हैं  बंद आलमारी के शीशों से  बड़ी हसरत से तकती हैं महीनों अब मुलाकातें नहीं होती जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं अब अक्सर गुज़र जाती है कम्प्यूटर के पर्दों पर बड़ी बेचैन रहती हैं क़िताबें उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है जो कदरें वो सुनाती थी कि जिनके जो रिश्ते वो सुनाती थी वो सारे उधरे-उधरे हैं कोई सफा पलटता हूँ तो इक सिसकी निकलती है कई लफ्ज़ों के मानी गिर पड़े हैं बिना पत्तों के सूखे टुंड लगते हैं वो अल्फ़ाज़ जिनपर अब कोई मानी नहीं उगते जबां पर जो ज़ायका आता था जो सफ़ा पलटने का अब ऊँगली क्लिक करने से बस झपकी गुजरती है किताबों से जो ज़ाती राब्ता था, वो कट गया है कभी सीने पर रखकर लेट जाते थे कभी गोदी में लेते थे कभी घुटनों को अपने रिहल की सूरत बनाकर नीम सजदे में पढ़ा करते थे, छूते थे जबीं से वो सारा इल्म तो मिलता रहेगा आइंदा भी मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल और महके हुए रुक्के किताबें मँगाने, गिरने उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे उनका क्या होगा वो शायद अब नही होंगे!!         - Gulzar

तस्वीरें लम्हों की //

Image
तस्वीरें लम्हों को सजोने का एक ख़ूबसूरत ज़रिया हैं और लम्हें हमारे ज़िंदगी में बेदह अहम भूमिका अदा करते हैं...... नहीं खींचता मैं सिर्फ  # तस्वीरों  को करू मैं तो कैद  # तस्वरों  में उन जाते हुए  # लम्हों  को ।।

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा।

Image
हमारे इस गणतंत्र का दुनिया में सम्मान प्यारा देश और प्यारे लोग, देते इसको मान हर मजहब को मान देकर रचा गया इतिहास सब मिलकर आगे बढ़ेंगे यही तो है विश्वास। आजादी के बाद भारत को जब अपना संविधान मिला तो वो दिन था 26 जनवरी 1950, इसी दिन से भारत गणतंत्र बना। तभी से हर साल इस तारीख यानी 26 जनवरी को हम ये राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। इस दिन का भारतीय इतिहास में बहुत महत्व है। यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान को याद करने का दिन है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। अगर गणतंत्र दिवस के इतिहास  की बात करें तो 26 जनवरी 1950 को जिस दिन देश का संविधान लागू हुआ उसके कुछ देर बाद ही डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने देश के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। आज एक बार फिर 26 जनवरी यानी हमारा राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस आ गया है। गणतंत्र दिवस की हर्दिक शुभकामनाए ।।

मंदी क्यों है व्यापार में ?

Image
😚 *मंदी क्यों है व्यापार में ?. 🤔*बर्तन का व्यापारी परिवार के लिये जूते ऑनलाइन खरीद रहा है.... 🤔*जूते का व्यापारी परिवार के लिये मोबाइल ऑनलाइन खरीद रहा है.... 🤔*मोबाइल का व्यापारी परिवार के लिए कपडे ऑनलाइन खरीद रहा है.... 🤔*कपड़े का व्यापारी परिवार के लिये घड़ी ऑनलाइन ख़रीद रहा है.... 🤔*घडी का व्यापारी बच्चों के लिए खिलोने ऑनलाइन ख़रीद रहा है.... 🤔*खिलोने का व्यापारी घर के लिये बर्तन ऑनलाइन खरीद रहा है ... !!! और 🤔*ये सब रोज सुबह अपनी-अपनी दुकान खोल कर अगरबत्ती लगा कर भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि आज धंधा अच्छा हो जाये। 🤔*कहाँ से होगी बिक्री ??? 🤔*खरीददार आसमान से नहीं आते हम ही एक दूसरे का सामान खरीद कर बाजार को चलाते हैं क्योंकि हर व्यक्ति कुछ न कुछ बेच रहा है और हर व्यक्ति खरीददार भी है । 🤔*ऑनलाइन खरीदी करके आप भले 50-100 रु की एक बार बचत कर लें लेकिन इसके नुक्सान बहुत हैं क्योंकि ऑनलाइन खरीदी से सारा मुनाफा बड़ी बड़ी कंपनियों को जाता है जिनमें काफी विदेशी कंपनियां भी हैं । 🤔*ये कम्पनियाँ मुठ्ठीभर कर्मचारियों के बल पर बाजार के एक बहुत बड़े हिस्से पर कब्जा कर ल...

हंस का जोड़ा और उल्लू

Image
एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये! हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ?? यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा ! भटकते भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे ! रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था। वह जोर से चिल्लाने लगा। हंसिनी ने हंस से कहा- अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते। ये उल्लू चिल्ला रहा है। हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ?? ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही। पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था। सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ करदो। हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद! यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा पीछे से उ...

14 सितंबर " हिंदी दिवस "

Image
हिंदी - भारत की दुनिया में पहचान जितनी अपनी सांस्कृतिक विविधताओं और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए है, उतना ही भारत को हिंदी के लिए भी पूरी दुनिया में पहचाना जाता है। देश-दुनिया में फैले हिंदी भाषी लोगों के लिए 14 सितंबर को दिन बेहद खास होता है। दरअसल 14 सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन हिंदी को देश की राजभाषा होने का गौरव प्राप्त हुआ था।हिंदी को सबसे पहले 14 सितंबर, 1949 के दिन राजभाषा का दर्जा दिया गया था। देश में 77% लोग हिंदी लिखते, पढ़ते और बोलते समझते हैं। आज के दिन हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बता दें कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है। 1946 में स्वतंत्र भारत के संविधान लेखन के लिए बनी समिति के सामने जब राष्ट्र की भाषा का सवाल खड़ा हुआ, तब संविधान निर्माताओं के सामने हिंदी ही सबसे बेहतर विकल्प थी। लेकिन, हिंदी को समूचे राष्ट्र की भाषा बनाए जाने को लेकर कुछ लोग विरोध में भी थे। इसलिए, हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी को भी भारत की राजभाषा का दर्जा दे दिया गया। आजादी के 15 साल बाद जब लाल बहादुर शास्त्र...